शायरी… ट्रक वाली
धीरे चलोगे तो बार-बार मिलोगे, तेज चलोगे तो हरिद्वार मिलोगे।
सावधानी हटी, सब्जी-पूड़ी बंटी।
सावधानी से चलोगे, तो मंजिल दूर नहीं..वरना यमलोक आने में भी देर नहीं
हद से ज्यादा ट्रक की होती जब रफ्तार..यमराज करता है ड्राइवर को गिरफ्तार..
वाहन चलाते समय सौंदर्य दर्शन ना करें वरना देव दर्शन हो जाएंगे।
धीरे चलाने वाला भी मर्द होता है, यकीन मानिए हड्डियां टूटती है तो दर्द होता है।
अगर दोगे साइड, तो ही मिलेगी तुम्हें माफी..वरना मेरे ट्रक का हॉर्न ही - तुम्हारे लिए काफी..
जिन्हें जल्दी थी, वे चले गए….।
ढाई लाख का लोन लेकर खेल ये खेला है, यारों नजर ना लगाना, ये गरीब का ठेला है….
उधार लेकर खरीदी है किसी से ज़िकर ना करना, खूब कमा कर देगी, जरा भी फिक्र ना करना…..
सोच कर सोचो, साथ क्या जाएगा।
भर के चले , फिर भी एक दिन खाली हाथ ही जाना है।
नज़र में शोखियाँ, लब पर मुहब्बत का तराना है,
मेरी उम्मीद की जद में, अभी सारा ज़माना है,
कई जीतें हैं दिल के देश पर मालूम है मुझको,
सिकंदर हूँ मुझे इक रोज़ ख़ाली हाथ जाना है...!
~ कुमार विश्वास
गंगा तेरा पानी अमृत।
मां का आशीर्वाद है यूं ही चलते रहेंगे।
ऐ मालिक क्यूं बनाया गाडी बनाने वाले को, घर बेघर कर दिया गाडी चलाने वाले को।
सफ़र से लौट जाना चाहता है - परिंदा आशियाना चाहता है - कोई स्कूल की घंटी बजा दे - ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है
सफ़र से लौट जाना चाहता है
परिंदा आशियाना चाहता है
कोई स्कूल की घंटी बजा दे
ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है
उसे रिश्ते थमा देती है दुनिया
जो दो पैसे कमाना चाहता है
यहाँ साँसों के लाले पड़ रहे हैं
वो पागल ज़हर खाना चाहता है
जिसे भी डूबना हो डूब जाए
समुंदर सूख जाना चाहता है
हमारा हक़ दबा रक्खा है जिस ने
सुना है हज को जाना चाहता है
~ शकील जमाली
मालिक की ज़िन्दगी ब्रेड और केक पे - ड्राईवर की ज़िन्दगी स्टीयरिंग और ब्रेक पे
ग़म से खाली नहीं जिस्म का कोना कोई - हम रहे न रहे हम पे मत रोना कोई
यह दुनिया बड़ी ज़ालिम है, हर राज़ छुपाना पड़ता है - दिल में कितने ही ग़म हो, महफ़िल में मुस्कुराना पड़ता है
नजर तो तेरी बुरी है ही - ऊपर से तेरा मुंह भी है काला..हे प्रभु, तूने ऐसे बंदों को - धरती पर है क्यों पाला..
न कोई नजर बुरी होती है, न कोई मुंह काला होता है; सब कुछ करने वाला तो भाई ऊपर वाला होता है…
बेख़ुदी की ज़िन्दगी हम जिया नहीं करते - जाम दूसरों से छीनकर हम पिया नहीं करते - तुमको आगे निकलना है तो निकल जाओ, पीछा हम भी किसी का किया नहीं करते।
जो सामने तूफ़ान के आया नहीं करते
हम ऐसे चराग़ों को जलाया नहीं करते
जो सुन के उड़ा देते हों हर बात हँसी में
अहवाल उन्हें दिल के सुनाया नहीं करते
किस तरह फले-फूले मोहब्बत ये हमारी
वो रूठ तो जाते हैं मनाया नहीं करते
रखते हैं मोबाइल में मोहब्बत की निशानी
अब फूल किताबों में छुपाया नहीं करते
तादाद सितारों की ज़ियादा तो है लेकिन
सूरज के मुक़ाबिल कभी आया नहीं करते
रिज़वान बने बैठे हैं वो लोग यहाँ पर
जो पैर कभी माँ के दबाया नहीं करते
कहते हैं बड़े बूढे की घट जाती हैं इज़्ज़त
हर रोज़ किसी के यहाँ जाया नहीं करते
~ मेहरबान अमरोहवी
कश्मीर जैसी रोड नहीं, पर सियासत लड़ा देती है, भाई जैसा दोस्त नहीं, पर भाभी लड़ा देती है…
किस्मत तेरी दासी है, घर में मथुरा काशी है।
नीम का पेड़ चंदन से कम नहीं, हमारा अलवर लंदन से कम नहीं।
बुलबुल शोर मत कर आज गम की रात है, आएंगे तेरे जम्मू शहर में दो-चार दिन की बात है।
कभी ना गया मैं विदेश,
प्यारा है मुझे स्वदेश..
फिर चाहे हो बिहार या
हो वह उत्तर प्रदेश..!
मालिक की गाड़ी, ड्राइवर का पसीना, चलती है रोड पर बन कर हसीना।
अनार कली भर कर चली। (मुनिसिपलिटी के कचरे की गाडी पे)
लटक मत, पटक दूंगी
मैं भी बड़ा होकर ट्रक बनूंगा। (छोटे टेम्पो पे)
जल मत पगली, किस्तों पे आई है।
फूल है गुलाब का चमेली का मत समझना, फूल है गुलाब का चमेली का मत समझना, आशिक हूं आपका सहेली का मत समझना।
जरा कम पी मेरी रानी, बहुत महंगा है ईराक का पानी।
दिल के अरमां आंसुओं में बह गए
वो उतर कर चल दिए
हम गियर बदलते रह गए
रोड पर चलती है कार
तो लगती होगी हसीना..
पर ट्रक को मेरे देखकर
आता होगा उसे पसीना..
इतनी जल्दी है तो फिर हवाई जहाज़ में सवारी कर
बार बार हॉर्न बजाकर तू मेरा दिमाग़ मत ख़राब कर
हमें तो डीज़ल ने लूटा, टायरों में कहा दम था
हमें जहाँ भेजा गया, वह का भाड़ा कम था
भूत प्रेत और मासूम बीवी
मन का वहम है
ऐसा कुछ नहीं होता
जब बेटी ही नहीं बचाओगे तो बहू कहां से लाओगे।
देखो मगर प्यार से, हमारी तो चलती है, आपकी क्यों जलती है।
सपनों को पूरा करने में इतना देर मत कर देना कि सपने सिर्फ सपने ही रह जाए और उम्र निकल जाए।
दम है तो क्रॉस कर नहीं तो बर्दाश्त कर।
कुत्ता भी बिना वजह नहीं भौंकता
DO NOT HONK
तलाक दिया तुमने बड़े गुरुरो कहर के साथ
लौटा दो मेरा शबाब भी मेरे मेहर के साथ
~ जमीला युसूफ
कीचड़ में पांव रखोगे तो धोना पड़ेगा, ड्राइवर से शादी करोगे तो रोना पड़ेगा…
जब परदेस लिखा है किस्मत में, तब याद वतन की क्या करना…
रात होगी, अंधेरा होगा और नदी का किनारा होगा, हाथ में स्टियरिंग होगा, बस मां का सहारा होगा….
हमें जमाने से क्या लेना, हमारी गाड़ी ही हमारा वतन होगा
दम तोड़ देंगे स्टियरिंग पर, और तिरपाल ही हमारा कफन होगा…
क्यों मरते तो बेवफा सनम के लिए, दो गज जमीन मिलेगी दफन के लिए।
मरना हो तो मरो अपने वतन की मिट्टी के लिए, हसीना भी दुपट्टा उतार देगी कफ़न के लिए। ,
अपनी आजादी को हरगिज़ मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।
लाख फ़ौजें ले के आई अमन का दुश्मन कोई
लाख फ़ौजें ले के आई अमन का दुश्मन कोई
रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने
हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं
जो सबक बापू ने सिखलाया भुला सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
~ शकील बदायुनी (नौशाद का संगीत)
इश्क तो करता है हर कोई, महबूब पर पर मरता है हर कोई।
कभी अपने वतन को महबूब बना कर देखो, तुझपे मरेगा हर कोई।
ये बात हवाओं को बताए रखना, रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर भी जिसकी हिफाजत की, उस तिरंगे को तू दिल में बसाए रखना।
दूध मांगोगे तो खीर देंगे
कश्मीर मांगोगे तो चीर देंगे….
हर रास्ते से ट्रक मेरा
शान से गुजरता जाए..
नाज है मुझे जो उसपे
हमेशा तिरंगा लहराए..!